एक हजार जोड़ने के लिए मेहनत करना पड़ता है, इसलिए पैसे का मोल समझती है ज्योति यादव*

Must read

 

 

 

* महतारी वंदन योजना से हर माह एक हजार मिलन पर होती है खुशी*

कोरबा गांव से लगी एक सड़क किनारे बाढ़ का बड़ा हिस्सा स्कॉलरशिप वाली ग्रामीण ज्योति यादव को राहत मिली है कि एक हजार रुपये जोड़कर उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी है। दाल के लिए बड़ी कंपनी बनाई गई है। तेल विक्रेता है. दाल की सफाई बंद है। पानी में भिगाना का सामान है और इन सभी उपकरणों को बनाने के बाद मेहनत की जद्दोजहद खत्म नहीं हुई। सुबह जल्दी सोकर उठना है और चूल्हे जलाने से लेकर बड़े लेकर पत्थर के लोढ़े-सिलबट्टे को कुघ-घुमाकर दाल पीस कर बड़ा बनाना है। सुबह से शाम तक की जद्दोजहद में कई बार 200 से 300 रुपये का जोड़ा पाना भी मुश्किल हो जाता है। ज्योति यादव की एक-एक रुपये की कीमत बहुत ज्यादा है और इस बीच जब उनकी जेब में हर महीने एक हजार रुपये आते हैं तो वह स्टॉक में सिर्फ इतने पैसे खर्च नहीं करतीं कि वह घर के लिए बहुत जरूरी चीजें खरीदें या फिर से खरीदें सिद्धांत को पूरा करने के लिए ही सामान ख़रीदा जाता है।

कोरबा ब्लॉक के पंचायत ग्राम ड्रैगनबहार के सड़क किनारे ज्योति यादव की एक छोटी सी दुकान है। वह पिछले एक दशक से भी अधिक समय से सड़क किनारे उड़द के दाल के बड़े बेचती है। इस रास्ते से लड़के वाले लोग समय मिलने पर ज्योति के होटल में घूमने के लिए निकले। इस दौरान उन्हें बड़े से सिलबट्टे में पीस कर बनाये बड़ी दाल का स्वाद मिला. काली मिर्च इमली की चटनी के बीच गरम-गरम दाल बड़ा यहां से स्वाद को स्वाद की याद दिला दी जाती है। यहां एक बार दाल बड़े खाने के बाद ग्राहक अगली बार भी इसी रास्ते से यहां आते हैं, यहां खाने के लिए जरूर आते हैं और ऐसा भी करते हैं, लेकिन अफसोस की बात यह है कि इस रास्ते में बहुत से लोग नहीं आते। जंगल का होना और अपनी मंजिल की ओर जल्दी जाना की फिक्र हर किसी को इस छोटे से होटल से वास्ता नहीं करा, शायद इसलिए भी ज्योति यादव के होटल में बनने वाला उड़द का गरमा-गरम बड़ा किसी के मुंह का स्वाद बनने के बजाय कूल और नार्किट बिकिट नहीं पाता। खैर अपना घर किराए पर लेकर होटल समीरात शिद्दत के साथ शुद्ध उड़द दाल के बड़े बनाने वाली ज्योति यादव को खुशी है कि अब मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव कहते हैं कि सभी महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये दे दिए जाते हैं। उनका कहना है कि एक हजार रुपये की नौकरी बहुत मेहनत से की जाती है। घर बनाने के लिए यह राशि बहुत काम आती है। कई बार होटल में एक हजार रुपए ही काम आता है लेकिन कुछ भी नहीं होता। उन्होंने बताया कि उनकी मशीन बहुत सारी मशीनें हैं। वह अपनी मेहनत से उड़द दाल का बड़ा नाम है। कुछ जगहों पर उत्पाद कर बड़ा जोड़ा जाता है, लेकिन वह ऐसा नहीं करती। कुछ लोग इस बड़े को खाने के बाद इस रास्ते से जाने के बाद जरूर जाएं।

 

More articles

Latest article