कांकेर जिले मे हुवा संगठन का बैठक सम्पन्न,अक्टूबर माह मे होने वाला है न्याय हक संवैधानिक यात्रा आंदोलन पर बनी रणनीति

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 कांकेर जिले मे हुवा संगठन का बैठक सम्पन्न,अक्टूबर माह मे होने वाला है न्याय हक संवैधानिक यात्रा आंदोलन

 

पर बनी रणनीति, होगा राज्य की राजधानी मे बड़ा प्रदर्शन, राज्य मे संविधान की हत्या बर्दास्त नहीं, ई.वी.एम.से राज्य मे चुनाव नहीं की होंगे प्रमुख मांग।

 

नरेन्द्र भवानी/छ.ग.यु.मंच संस्थापक/ कांग्रेसी नेता*

 

कांकेर जिले के जामगांव मे  कों गढ़ गया हुवा मसीही मानने वाले के शव कों मृत शरीर के संवैधानिक अधिकारो कों कुचलते हुवे,प्रशासन की धमकियों के साथ लाश कों क़ब्र से निकाला गया बेहद निंदनीय कृत्य, छत्तीसगढ़ के भाजपा राज मे किया जा संविधान ख़त्म करने काम निंदनीय – नरेन्द्र

 

भवानी/छ.ग.यु.मंच संस्थापक/ कांग्रेसी नेता*

 

*कांकेर जिले के जामगाँव मे कफ़न शव कों क़ब्र से दुबारा निकालने की घटना के बाद गांव मे रह रहे मसीही मानने वालों का घर तोड़ने की धमकी व शासकीय कागजो कों रद करने जैसे बातें व अन्य धमकी के विरुद्ध मे शुक्रवार दिनांक 2 अगस्त कों कांकेर जिला कलेक्टर दफ्तर का होगा घेराव, लोगो के संवैधानिक अधिकारो पर हमला, गुंडा राज बर्दास्त नहीं – नरेन्द्र भवानी/छ.ग.युवा मंच / कांग्रेसी नेता*

 

*मामले मे छत्तीसगढ़ युवा मंच के संस्थापक व कांग्रेस पार्टी के नेता नरेन्द्र भवानी ने बयान जारी कर बताया है की अक्टूबर माह मे न्याय हक संवैधानिक आंदोलन होना तय लाखों की संख्या मे मंत्रालय का करूँगा घेराव वहीं कांकेर जिला के जामगांव मे गढ़ गया शव कों एक दिन बाद बर्बरता पुर्वक क़ब्र से निकाला गया यह कृत्य अपने आप मे अमानवीय कृत्य है गैर संवैधानिक कृत्य है उसके बाद भी जामगांव मे मसीही लोगो कों जो रह रहे है गांव मे उन्हें उनके जमीन से बेदखल करने व शासकीय कागज़त कों रद करने जैसे अन्य धमकियां दिया जा रहा है जिसका शिकायत तक जिम्मेदार अधिकारियों करने पर भी न्याय की कोई आशा नहीं शुक्रवार 2 अगस्त कों करूँगा कांकेर कलेक्टर कार्यालय का घेराव, वहीं दुर्ग मे दो ननों कों गलत कार्यवाही कर रेलवे पुलिस द्वारा अरेस्ट कर झूठा प्रकरण त्यार कर भेजा गया जेल रिहाई की करेंगे मांग व दोषियों के तत्काल कार्यवाही की भी करूँगा मांग*

 

*भवानी ने आगे कहा है की जामगांव, ब्लॉक नरहरपुर, जिला कांकेर, छत्तीसगढ़ में एक गंभीर और चिंताजनक स्थिति बनी हुई है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब ईसाई समुदाय से संबंधित सोमलाल राठौड़ (53) का उनकी खुद की वैध निजी भूमि पर शांतिपूर्वक अंतिम संस्कार किया गया। 27 जुलाई 2025 को, गांव के कुछ लोगों ने मृतक के परिवार पर शव को कब्र से निकालने के लिए दबाव बनाया, लेकिन वे अपने प्रयास में विफल रहे।*

 

*पीड़ितों के कहे अनुसार 28 जुलाई को, जिला प्रशासन – विशेष रूप से एसडीएम, तहसीलदार और डीएसपी – ने मृतक के परिवार और स्थानीय चर्च के पास्टर पाटीराम पर दबाव और अधिक बढ़ा दिया।*

 

*भवानी ने बयान मे आगे कहा है की प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिकारियों ने पास्टर पाटीराम को धमकी दी की आपका चर्च अतिक्रमित जमीन पर बना है। यदि आप मृतक के परिवार को शव निकालकर चरामा ईसाई कब्रिस्तान (लगभग 55 किमी दूर) में पुनः दफनाने के लिए नहीं समझाते, तो आपके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा और चर्च को तोड़ दिया जाएगा। यदि आप कानूनी कार्यवाही से बचना चाहते हैं, तो परिवार को समझाइए और शव निकलवाइए।*

 

*वहीं मृतक के पुत्र भरत राठौड़ से कहा गया यदि आप अपने पिता का शव नहीं निकालते हैं, तो और लोग आपके खिलाफ एकत्र हो जाएंगे और आपकी स्थिति और खराब हो जाएगी। शव को चरामा ले जाइए, प्रशासन आपका सहयोग करेगा।*

 

*इन सभी धमकियों और दबावों के बावजूद, परिवार और पास्टर पाटीराम ने स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया और कहा कि वे ना तो शव निकालेंगे और ना ही इसके लिए कोई अनुमति देंगे।*

 

*वहीं और भी चौंकाने वाली बात यह है कि जब यह बातचीत चल रही थी, उसी समय गांव के लोगों ने चर्च और पास्टर के निवास पर हमला कर दिया, संपत्ति को क्षति पहुंचाई, चर्च और घर का सामान बाहर फेंक दिया, और तोड़फोड़ की यह सब कुछ कानून-व्यवस्था के सामने हुआ।*

 

* भवानी ने अपने बयान पर कई गंभीर सवाल किये,क्या दबाव प्रशासन की ओर से है, या गांववालों की ओर से, या दोनों की मिलीभगत से?*

 

* क्या प्रशासन स्वतंत्र रूप से कार्य कर रहा है, या स्थानीय समूहों के दबाव में?*

 

* जिन लोगों ने चर्च पर हमला किया और शोकाकुल परिवार को धमकाया — उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं हुई?*

 

* जिला प्रशासन एक शोकग्रस्त परिवार और पास्टर को धमकी क्यों दे रहा है, जबकि उन्हें संवैधानिक सुरक्षा दी जानी चाहिए?*

 

* यदि हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, तो स्थिति शांतिपूर्वक सुलझ सकती है — ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा?*

 

*वर्तमान मे जमगांव गांव में स्थिति अत्यंत तनावपूर्ण और खतरनाक बनी हुई है। वहां का ईसाई समुदाय गंभीर मानसिक और शारीरिक खतरे में है।*

 

* उच्च अधिकारियों द्वारा त्वरित हस्तक्षेप किया जाए,

 

* मृतक के परिवार और पास्टर पाटीराम को सुरक्षा प्रदान की जाए

 

* हमले और अवैध धमकी के पीछे जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।

 

*वहीं भवानी ने आगे बयान मे दुर्ग रेलवे स्टेशन मे दो ननों कों दबाव पूर्ण गलत कार्यवाही करते हुवे झूठे आरोपों पर गिरफ्तार किया गए इस कृत्य का हम निंदा करते है उनकी तत्काल रिहाई की भी मांग कलेक्टर दफ़्तर के घेराव मे करेंगे,खांस कर के ईसाई समुदाय के संवैधानिक अधिकारो की हत्या नहीं करेंगे बर्दास्त*

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