मारुति क्लीन कोल पावर लिमिटेड बांधाखार के स्वामित्व वाली कंपनी
प्रीसीशियन इंजीनियरिंग द्वारा स्थानीय शास्त्रियों का शोषण एवं आर्थिक संरक्षण किया जा रहा है।
मारुति क्लीन कोल एंड पावर लिमिटेड के प्री-सीसियन कंपनी कर्मचारी फुल एंड फाइनल मीटिंग से बेहद परेशान हैं।
इनका आवेदन तो ले लिया गया है, लेकिन 8-9 साल की सर्विस का फुल और फाइनल पेमेंट अब तक नहीं हुआ है। कई कर्मचारी बार-बार चक्कर महसूस कर रहे हैं। कुछ ने छत्तीसगढ़ सरकार के सुशासन तिहार में भी आवेदन दिया, लेकिन अधिकारियों ने अपनी संभावनाओं से दूरी बनाए रखी और कई तरह की छूट भी दी जा रही है। अधिकारियों द्वारा एनालिटिक्स को धमाका किया जा रहा है कि आप जहां याचिका दायर कर रहे हैं, उसका कोई मतलब नहीं है।
विद्वानों का आरोप है कि अन्य राज्यों के लोगों को काम पर रखा जा रहा है और स्थानीय लोगों को अलग-अलग तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं और साथ ही अन्य राज्यों के लोगों को दोगुना वेतन दिया जा रहा है। इससे तंग बात अब वे कहीं और माता की तलाश में हैं। हेडऑफ़िस में भी कोई दस्तावेज़ी जवाब नहीं मिल रहा है, जिससे मजदूर और अधिक चिंतित हैं। यह मांग है कि जिला श्रम विभाग के ऊपर सीएन के संबंधित अधिकारियों की नियुक्ति होनी चाहिए।