अधिकारियों के मनमानी के चलते तेंदूपत्ता वा लघु वनोपज संघ के कार्यों का किया गया बहिष्कार, जांजगीर चांपा वन कर्मचारी संघ।
छत्तीसगढ़ जांजगीर चांपा में वन कर्मचारी संघ ने प्रदेश भर में तेंदूपत्ता और लघु वनोंपज संघ के कार्यों का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है, संघ का कहना है कि वन विभाग के कर्मचारी अब तक पूरे जोश और उत्साह के साथ लघु वन उपज संघ के तहत तेंदूपत्ता और वनोपज संग्रहण कार्यों का सफलतापूर्वक संचालन करते आ रहे हैं। इसके बदले वन कर्मचारियों को लघु वनोपज संघ द्वारा 190 उपवन क्षेत्रपाल के पदों पर पदोन्नति दी जाती आ रही थी। जिससे कर्मचारियों में भी उत्साह बना हुआ था। इस वर्ष 2024 में लघु वनोपज संघ ने 180 पदों पर संविदा भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया, जिसका वन कर्मचारी संघ ने जमकर विरोध किया, और इसके बाद संघ और वन कर्मचारी संगठन के बीच सहमति बनी की 180 पदों में से 90 पदों पर वन पालो को पदोन्नति दी जाएगी,
पदोन्नति प्राप्त कर्मचारियों पर अधिकारियों की मनमानी
और शेष 90 पदों पर संविदा नियुक्तियां की जाएगी। इस समझौते से कर्मचारी संतुष्ट थे, लेकिन दिसंबर 2024 में रायपुर से 90 पदों पर संविदा नियुक्तियां कर दी गई, और इसके बाद शासन और लघु वनोपज संघ ने पदोन्नति प्राप्त कर्मचारियों पर अधिकारियों द्वारा कई नियम थोप दिए गए, जिससे पदोन्नति मिलने के बाद भी वनोपज कर्मचारियों को कोई वास्तविक लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसी के विरोध में छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ ने लघु वनोंपज संघ के सभी कार्यों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। संघ ने शासन और वन विभाग के उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी गई है। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज समिति प्रबंधक संघ में भी इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। जिससे कई वन मंडलों में तेंदूपत्ता से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रम को वनोपज संघ के कर्मचारियो ने इसका बहिस्कार कर रहे है।
इसी कड़ी में जिला जांजगीर चंपा के वन कर्म चारी संघ के जिला अध्यक्ष योगेश चंद्र के साथ सभी कर्मचारियो द्वारा वन मंडलों में तेंदूपत्ता से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रम को सीजन 2025 और लघु वन उपज संग्रहण कार्यों का पूरी तरह बहिष्कार किया जा रहा है।