पंतोरा में पंचमी पर लट्ठमार होली,पूजा के बाद युवतियों ने बरसाई लाठियां,
कोरबा जिले की सीमा से लगे उरगा-बलौदा मार्ग पर जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम पंताेरा में पंचमी पर लट्ठमार होली खेलने की परंपरा है। 300 साल से अधिक समय से चली आ रही परंपरा को बुधवार को निभाई गई। पंचमी पर गांव में स्थित मां भवानी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद युवतियों व महिलाओं ने लोगों पर लाठियां बरसाईं। आने-जाने वाले लोगों को भी लाठियां खानी पड़ती हैं। इससे कोई नाराज भी नहीं होता। ग्रामीण बचने के लिए जरूर इधर-उधर दौड़
ग्रामीणों ने बताया कि इस दिन मड़वा रानी देवी के जंगल से बांस की डंडी लाया जाता है. गांव की मां भवानी मंदिर में पूजा अर्चना कर बांस की छड़ी कुंवारी कन्याओं के हाथ में बैगा थमाते हैं. उसके बाद मंदिर परिसर में लगी देवताओं की मूर्तियों को प्रतीकात्मक रूप से लट्ठ मारकर परंपरा की शुरुआत की जाती है.
इसके बाद गांव की महिलाएं एवं युवतियां हाथों में छड़ी लेकर लोगों पर लट्ठ बरसाने निकालती हैं. महिलाओं और युवतियों से पिटने वाले लोग परंपरा की वजह से नाराज नहीं होते, बल्कि कन्याओ पर रंग गुलाल छिड़ककर उनका सम्मान बढाती हैं
.शबेटियों को इस गांव में देवी का रूप माना जाता है
कन्याओं को देवी की पूजा में शामिल कर उन्हें बांस की छड़ी दी जाता है. इस दौरान गांव की गलियों में नगाड़ा की थाप में नाचते झूमते लोग पहुंचते हैं. तो महिलाएं, युवतियां और बालिकाएं हाथ में थामी लाठियों से उन्हें पीटना शुरू कर देती हैं.